es nzakat ka

es nzakat ka

इस नज़ाकत का बुरा हो वो भले हैं तो क्या
हाथ आएँ तो उन्हें हाथ लगाए न बने
कह सके कौन के यह जलवागरी किस की है
पर्दा छोड़ा है वो उस ने के उठाये न बने

Ghalib Shayari