खुदा ने किस्मत में साँसे लिखी थी,
इंसानो ने रोक दी।
हाँ याद आया इसके आखरी अलफ़ाज़ ये थे,
अगर जी सको तो जी लेना अगर मर जाओ तो अच्छा है।
मेरी वफा की कदर ना की अपनी पसन्द पे एतबार किया होता,
सुना है वो उनकी भी ना हुई मुझे छोड़ दिया था तो उसे अपना लिया होता।
from : Sad Shayari