us gulaab ko main kya gulaab doon jasane meri zindagi gulaab jaisi mahaka rakhi ho उस गुलाब को मैं क्या गुलाब दूं जसने मेरी जिंदगी गुलाब जैसी महका रखी हो
मेरे आंसुओं में तू ही छुपी रहती हैं रोज आंखों से तू ही तो बरसती हैं किसी गुलाब की बेटी है तू शायद इसलिए मुरझाकर भी महकती हैं
गुलशन का हर एक गुलाब परखा हमने फिर चुना एक गुलाब है लाये बड़े प्यार से है जिसके लिए वो खुद एक खूबसूरत गुलाब है