चुप है किसी सबर से तो पत्थर ना समझ हमें,
दिल पे असर हुआ है तेरी बात बात का।
हमने कब कहा मोहब्बत नहीं मिली हुमको,
मोहबात तो मिली मगर तुम से ना मिली हुमको।
अपना बनाकर फिर कुछ दिन में बेगाना बना दिया,
भर गया दिल हमसे तो मजबूरी का बहाना बना दिया।
from : Sad Shayari