हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ,
जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा।
मुक़ाम वो चाहिए कि जिस दिन हारु,
उस दिन जीतने वाले से ज़्यादा चर्चे मेरी हार के हों।
किसी के पैरो मे गिरकर क़ामयाबी पाने से अच्छा है,
अपने पैरो पर चलकर कुछ बनने की ठान लों।
from : Attitude Shayari