jo waqti har waqt dukh ka rona rota hai
sukh bhi bahar se lout jata hai
जो वक़्ती हर वक़्त दुख का रोना रोता है
सुख भी बाहर से लौट जाता है
दुनिया के विरोध से तुम डरो मत क्योंकि
जिस पेड़ पर फल लगते हैं दुनिया उसे ही पत्थर मारती है
duniya ke virodh tum daro mat kyonki
jis ped par phal lagate hain duniya use hi patthar marati hai