khud ki trkki me itna waqt lgado, ki dusre ki burai karne ka waqt hi nhi mile. खुद की तरक्की में इतना वक़्त लगादो, की दूसरे की बुराई करने का वक़्त ही नही मिले।
होंठ कह नहीं सकते फ़साना दिल का, शायद नजर से वो बात हो जाए, इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार रात का, कि शायद सपने में ही मुलाकात हो जाये।