एक ही ख़्वाब देखा है कई बार मैंने,
तेरी शादी में उलझी है चाहिए मेरे घर की।
तुम्हे मेरी मोहब्बत की कसम सच बताना,
गले में डाल कर बाहें किससे सीखाया है।
नहीं पता की वो कभी मेरी थी भी या नहीं,
मुझे ये पता है बस की माई तो था उमर बस उसी का रहा।
from : Romantic Shayari