कोई मरता नहीं किसी ले लिए ये सच है,मगर ये सच है कोई मर मर के जीता है किसी के लिए।
अभी मसरुफ हूँ काफी फुर्सत में सोचूंगा तुम्हे,के तुझे याद रखने में क्या क्या भूले है हम।
from : Dard Bhari Shayari