बहुत जुदा है औरों से मेरे दर्द की कहानी,
ज़ख्म का कोई निशान नहीं और दर्द की कोई इंतहा नही।
वो मुझे से बिछड़े तो जैसे बिछड़ गयी ज़िन्दगी,
मैं ज़िंदा तो हूँ पर ज़िंदा नहीं रहा।
तेरे नफरत से भी मैंने रिश्ता निभाया है,
तूने बार बार मुझे फाल्तू होने का अहसास दिलाया है।
from : Dard Bhari Shayari