मेरी मिज़ाज़ को समझने के लिए बस इतना ही काफी है,
मई उसका हरगिज़ नही होता जो हर एक का हो जाये।
जब महसूस हो सारा शहर तुमसे जलने लगा,
समझ लेना तुम्हारा नाम चलने लगा।
अक्सर जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन,
क्योंकि एक मुद्दत से मैंने न दोस्त बदले न मोहब्बत।
from : Attitude Shayari