Ae Dost Ab Kya Likhu Teri Tarif Me
Bda Khash Hai Tu Meri Zindagi Me
ऐ दोस्त अब क्या लिखूं तेरी तारीफ में
बड़ा खाश है तू मेरी ज़िन्दगी में
Dosto Se Dosti Rakha Karo Tabiyat Mast Rahegi
Ye Vo Haqeem Hain Jo Alfaaz Se Dwa Kiya Karte Hain
दोस्तो से दोस्ती रखा करो तबियत मस्त रहेगी
ये वो हक़ीम हैं जो अल्फ़ाज़ दवा किया करते हैं