आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई
वफा की उम्मीद ना करो उन लोगों से
जो मिलते हैं किसी और से होते है किसी और के
तमाशा करती है मेरी जिंदगी
गजब ये है कि तालियां अपने बजाते हैं
from : Shayari Of Gulzar