dil se teri nigah

dil se teri nigah

दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई
दोनों को एक अदा में रजामंद कर गई
मारा ज़माने ने ग़ालिब तुम को
वो वलवले कहाँ वो जवानी किधर गई

Ghalib Shayari