दिलों की इमारतों में कहीं बंदगी नहींपत्थर की मस्जिदों में ख़ुदा ढूँढते हैं लोगबात सजदों की नहीं ख़ुलूस ए दिल की होती है इक़बालहर मैख़ाने में शराबी और हर मस्जिद में नमाज़ी नहीं होता