Allama Iqbal Shayari allows readers to express their inner feelings with the help of beautiful Sher. Allama Iqbal Poetry, Iqbal ki Shayari, Ghazal and Quotes are popular among those who love to read good Shayari. You can read 2 and 4 lines shayari and share allama iqbal shayari with images easily with your friends and family members including your loved ones. Read Latest Hindi अल्लामा इकबाल शायरी.
जफ़ा जो इश्क़ में होती है वो जफ़ा ही नहीं
सितम न हो तो मोहब्बत में कुछ मज़ा ही नहीं
नशा पिला कर गिराना तो सब को आता है
मज़ा तो जब है के गिरतों को थाम ले साक़ी
मेरे बचपन के दिन भी क्या ख़ूब थे इक़बाल
बेनमाज़ी भी था और बेगुनाह भी
दिल से जो बात निकलती है अस़र रखती है
पर नहीं ताक़ते परवाज़ मगर रखती है
न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए
जहाँ है तेरे लिए तू नहीं जहाँ के लिए
सुबह को बाग़ में शबनम पड़ती है फ़क़त इसलिए
के पत्ता पत्ता करे तेरा ज़िक्र बा वजू हो कर
हँसी आती है मुझे हसरते इंसान पर
गुनाह करता है ख़ुद लानत भेजता है शैतान पर
मैं तुझ को तुझ से ज़्यादा चाहूँगा
मगर शर्त है अपने अंदर मेरी जुस्तजु पैदा कर
क्यों मन्नतें माँगता है औरों के दरबार से इक़बाल
वो कौन सा काम है जो होता नहीं तेरे परवरदिगार से
अल्लाह को भूल गए लोग फ़िक्र रोज़ी में
तलाश रिज़्क़ की है राज़िक का ख़्याल ही नहीं