diwangi ki koy had nhi hoti mohabbat me
dharti par swarg naseeb hoti hai mohabbat me
dar lagta hai to baith jaao pyaar ki kashti par
waqt ke saath himmat ka kinara mil hi jata hai mohabbat me
दीवानगी की कोई हद नहीं होती मोहब्बत में
धरती पर स्वर्ग नसीब होती है मोहब्बत में
डर लगता है तो बैठ जाओ प्यार की कश्ती पर
वक़्त के साथ हिम्मत का किनारा मिल ही जाता है मोहब्बत में