ऐ रूठे हुए दोस्त मुझे इतना बता दे
क्या मुझसे गले मिलने का अब मन नहीं होता
बच्चों के तरह दौड़ के आ सीने से लग जा
ये ईद का दिन है कोई दुश्मन नहीं होता
ईद लेकर आती है ढेर सारी खुशियां
ईद मिटा देती है इंसान में दूरियां
ईद है खुदा का एक नायाम तबारोक
इसीलिए कहते हैं ईद मुबारक
from : Eid Mubarak Shayari