हँसी आती है मुझे हसरते इंसान परगुनाह करता है ख़ुद लानत भेजता है शैतान परमैं तुझ को तुझ से ज़्यादा चाहूँगामगर शर्त है अपने अंदर मेरी जुस्तजु पैदा कर