hansi aati hai

hansi aati hai

हँसी आती है मुझे हसरते इंसान पर
गुनाह करता है ख़ुद लानत भेजता है शैतान पर

मैं तुझ को तुझ से ज़्यादा चाहूँगा
मगर शर्त है अपने अंदर मेरी जुस्तजु पैदा कर

Allama Iqbal Shayari