सादगी पर उस के मर जाने की हसरत दिल में हैबस नहीं चलता की फिर खंजर काफ-ऐ-क़ातिल में हैदेखना तक़रीर के लज़्ज़त की जो उसने कहामैंने यह जाना की गोया यह भी मेरे दिल में है