इतने लोगों में कह दो अपनी आँखों से
इतना ऊँचा न ऐसे बोला करे, लोग मेरा नाम जान जाते हैं
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया
आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
from : Shayari Of Gulzar