जब एक रोटी के चार टुकड़े हों और खाने वाले पाँचतब मुझे भूख नहीं है ऐसा कहने वाली इंसान है माँ कमजोर पड़ जाएँ एक ईट तो टूट जाता है दीवाररोजगार पाने के चककर छूट जाता है परिवार