जफ़ा जो इश्क़ में होती है वो जफ़ा ही नहींसितम न हो तो मोहब्बत में कुछ मज़ा ही नहींनशा पिला कर गिराना तो सब को आता हैमज़ा तो जब है के गिरतों को थाम ले साक़ी