कहानी शुरू हुई है तो खतम भी होगी
किरदार गर काबिल हुए तो याद रखे जाएंगे
मुद्दतें लगी बुनने में ख्वाब का स्वेटर
तैयार हुआ तो मौसम बदल चूका था
आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता
from : Shayari Of Gulzar