गुलों की शाख से खुशबू चुरा के लाया हैं गगन के पाँव से घुंघरू चुरा के लाया हैं थिरकते कदमो से आया हैं आज नया साल जो की तुम्हारे वास्ते खुशियाँ चुरा के लाया हैं
नए साल में तू फिर से संभल गलत काम में न तू करना पहल ज़माने में सब कुछ मिलेगा तुझे बस देखने की तू अपनी नज़रें बदल