क्यों मन्नतें माँगता है औरों के दरबार से इक़बालवो कौन सा काम है जो होता नहीं तेरे परवरदिगार सेअल्लाह को भूल गए लोग फ़िक्र रोज़ी मेंतलाश रिज़्क़ की है राज़िक का ख़्याल ही नहीं