kyu mannate mangta hai

kyu mannate mangta hai

क्यों मन्नतें माँगता है औरों के दरबार से इक़बाल
वो कौन सा काम है जो होता नहीं तेरे परवरदिगार से

अल्लाह को भूल गए लोग फ़िक्र रोज़ी में
तलाश रिज़्क़ की है राज़िक का ख़्याल ही नहीं

Allama Iqbal Shayari