कोई तो है जो मुझसे बहुत प्यार करती है
अपने प्यार को बहुत इकरार करती है
चैन न उसको बिन मेरे न मुझको बिना उसके
बने दोनों एक दूजे को कहते प्यार इसी को
पकड़ रखा है हाथ मेरा न छोड़ेगी साथ मेरा
दुवाए देती है मुझको कहती तुम नाथ हो मेरा
हरदम वो मेरे दिलो दिमाग मे रहती है
कोई तो है जो मुझसे बहुत प्यार करती है
ख्वाबो मे रातो को वो अक्सर आती है
बागो बहारो पकड़ हाथ भाव गीत गाती है
कोरे कागज उसकी तसबीर नजर आना
ठंडी हवा के झोको जैसा आना गुजर जाना
मिलाकर कदम से कदम साथ मेरे चलती है
कोई तो है जो मुझसे बहुत प्यार करती है
जहा भी जाऊ साथ उसका छूटता नहीं
ऐसा महबूब जो कभी मुझसे रूठता नहीं
मुस्कुराने से उसके है जिंदगी मे हरी भरी
लहरा के बलखा के आंचल उड़ाके चली कही
मेरे लिए सिर्फ मेरे लिए जीती और मरती है
कोई तो है जो मुझसे बहुत प्यार करती है
मेरे मन के भावो को अपनी आवाज देना
उतरकर दील की गहराइयो संवाद देना
मेरा प्यार है मेरी कविता सदा साथ रहती है
मुझको दुनिया मिलाती दुनिया मुझसे मिलती है
from : Hindi Poems