Hindi Poems
Mothers Day Poem
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई
बीवी के आगे माँ रद्द हो गई
बड़ी मेहनत से जिसने पाला
आज वो मोहताज हो गई
और कल की छोकरी
तेरी सरताज हो गई
बीवी हमदर्द और माँ सरदर्द हो गई
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.
पेट पर सुलाने वाली
पैरों में सो रही
बीवी के लिए लिम्का
माँ पानी को रो रही
सुनता नहीं कोई वो आवाज देते सो गई
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.
माँ मॉजती बर्तन
वो सजती संवरती है
अभी निपटी ना बुढ़िया तू उस पर बरसती है
अरे दुनिया को आई मौत
तेरी कहाँ गुम हो गई
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई
अरे जिसकी कोख में पला
अब उसकी छाया बुरी लगती
बैठ होण्डा पे महबूबा
कन्धे पर हाथ जो रखती
वो यादें अतीत की
वो मोहब्बतें माँ की सब रद्द हो गई
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई
बीवी के आगे माँ रद्द हो गई
बेबस हुई माँ अबदिए टुकड़ो पर पलती है
अतीत को याद कर तेरा प्यार पाने को मचलती है
अरे मुसीबत जिसने उठाई वो खुद मुसीबत हो गई
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई
मां तो जन्नत का फूल है
प्यार करना उसका उसूल है
दुनिया की मोह्ब्बत फिजूल है
मां की हर दुआ कबूल है
मां को नाराज करना इंसान तेरी भूल है
मां के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है
बीवी के आगे माँ रद्द हो गई
बड़ी मेहनत से जिसने पाला
आज वो मोहताज हो गई
और कल की छोकरी
तेरी सरताज हो गई
बीवी हमदर्द और माँ सरदर्द हो गई
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.
पेट पर सुलाने वाली
पैरों में सो रही
बीवी के लिए लिम्का
माँ पानी को रो रही
सुनता नहीं कोई वो आवाज देते सो गई
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.
माँ मॉजती बर्तन
वो सजती संवरती है
अभी निपटी ना बुढ़िया तू उस पर बरसती है
अरे दुनिया को आई मौत
तेरी कहाँ गुम हो गई
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई
अरे जिसकी कोख में पला
अब उसकी छाया बुरी लगती
बैठ होण्डा पे महबूबा
कन्धे पर हाथ जो रखती
वो यादें अतीत की
वो मोहब्बतें माँ की सब रद्द हो गई
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई
बीवी के आगे माँ रद्द हो गई
बेबस हुई माँ अबदिए टुकड़ो पर पलती है
अतीत को याद कर तेरा प्यार पाने को मचलती है
अरे मुसीबत जिसने उठाई वो खुद मुसीबत हो गई
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई
मां तो जन्नत का फूल है
प्यार करना उसका उसूल है
दुनिया की मोह्ब्बत फिजूल है
मां की हर दुआ कबूल है
मां को नाराज करना इंसान तेरी भूल है
मां के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है

Sad Poem
मैंने कोरोना में लोगो का रोना देखा है
लोगो के उम्मीदों का खोना देखा है
लाचार मजदूरों को रोते देखा है
गिरते पड़ते चलते और सोते देखा है
पिता को सूनी आंखों से तड़पते देखा है
तो मां की गोद में बच्चे को मरते देखा है
गरीबों का खुलेआम रोष देखा है
तो मध्यमवर्ग का मौन आक्रोश देखा है
गरीबों को अस्पतालों में लुटते देखा है
तो निर्दोषों को बेवजह पिटते देखा है
अल्लाह भगवान की दुकानों का बंद भी होना देखा है
तो रोना रोती सरकारों का अंत भी होना देखा है
लोगो के उम्मीदों का खोना देखा है
लाचार मजदूरों को रोते देखा है
गिरते पड़ते चलते और सोते देखा है
पिता को सूनी आंखों से तड़पते देखा है
तो मां की गोद में बच्चे को मरते देखा है
गरीबों का खुलेआम रोष देखा है
तो मध्यमवर्ग का मौन आक्रोश देखा है
गरीबों को अस्पतालों में लुटते देखा है
तो निर्दोषों को बेवजह पिटते देखा है
अल्लाह भगवान की दुकानों का बंद भी होना देखा है
तो रोना रोती सरकारों का अंत भी होना देखा है

Love Poem In Hindi
कोई तो है जो मुझसे बहुत प्यार करती है
अपने प्यार को बहुत इकरार करती है
चैन न उसको बिन मेरे न मुझको बिना उसके
बने दोनों एक दूजे को कहते प्यार इसी को
पकड़ रखा है हाथ मेरा न छोड़ेगी साथ मेरा
दुवाए देती है मुझको कहती तुम नाथ हो मेरा
हरदम वो मेरे दिलो दिमाग मे रहती है
कोई तो है जो मुझसे बहुत प्यार करती है
ख्वाबो मे रातो को वो अक्सर आती है
बागो बहारो पकड़ हाथ भाव गीत गाती है
कोरे कागज उसकी तसबीर नजर आना
ठंडी हवा के झोको जैसा आना गुजर जाना
मिलाकर कदम से कदम साथ मेरे चलती है
कोई तो है जो मुझसे बहुत प्यार करती है
जहा भी जाऊ साथ उसका छूटता नहीं
ऐसा महबूब जो कभी मुझसे रूठता नहीं
मुस्कुराने से उसके है जिंदगी मे हरी भरी
लहरा के बलखा के आंचल उड़ाके चली कही
मेरे लिए सिर्फ मेरे लिए जीती और मरती है
कोई तो है जो मुझसे बहुत प्यार करती है
मेरे मन के भावो को अपनी आवाज देना
उतरकर दील की गहराइयो संवाद देना
मेरा प्यार है मेरी कविता सदा साथ रहती है
मुझको दुनिया मिलाती दुनिया मुझसे मिलती है
अपने प्यार को बहुत इकरार करती है
चैन न उसको बिन मेरे न मुझको बिना उसके
बने दोनों एक दूजे को कहते प्यार इसी को
पकड़ रखा है हाथ मेरा न छोड़ेगी साथ मेरा
दुवाए देती है मुझको कहती तुम नाथ हो मेरा
हरदम वो मेरे दिलो दिमाग मे रहती है
कोई तो है जो मुझसे बहुत प्यार करती है
ख्वाबो मे रातो को वो अक्सर आती है
बागो बहारो पकड़ हाथ भाव गीत गाती है
कोरे कागज उसकी तसबीर नजर आना
ठंडी हवा के झोको जैसा आना गुजर जाना
मिलाकर कदम से कदम साथ मेरे चलती है
कोई तो है जो मुझसे बहुत प्यार करती है
जहा भी जाऊ साथ उसका छूटता नहीं
ऐसा महबूब जो कभी मुझसे रूठता नहीं
मुस्कुराने से उसके है जिंदगी मे हरी भरी
लहरा के बलखा के आंचल उड़ाके चली कही
मेरे लिए सिर्फ मेरे लिए जीती और मरती है
कोई तो है जो मुझसे बहुत प्यार करती है
मेरे मन के भावो को अपनी आवाज देना
उतरकर दील की गहराइयो संवाद देना
मेरा प्यार है मेरी कविता सदा साथ रहती है
मुझको दुनिया मिलाती दुनिया मुझसे मिलती है

Romantic Poem
सोचा मोहब्बत में लुट जाए छोड़ के सारी दुनिया को हम
उसकी दुनिया में बस जाए नज़र पड़ी जब आँखों पर
पाया कितनी सच्चाई है झीलों की नगरी में जैसे
कोई जलपरी रहने आई है उसकी आँख के काजल ने
मुझको सताया रातभर नींद से जागा तो फिर पाया
जन्नत में रात बिताई है नज़रें अटक गई थी अब
उसके नाजुक होठों पर जैसे बाग़ की सुन्दर तितली
भँवरे से मिलने आई है उसके भँवर पड़े गालों में
दिल कुछ उलझा -उलझा है रूप सलोना देख लगा यूँ
माली ने बगिया सजाई है उस बगिया की वो रानी है
मैं भँवरा दीवाना सा मेरे दिल में बसी वो ऐसे
जैसे कोई साँस समाई है जैसे कोई साँस समाई है
उसकी दुनिया में बस जाए नज़र पड़ी जब आँखों पर
पाया कितनी सच्चाई है झीलों की नगरी में जैसे
कोई जलपरी रहने आई है उसकी आँख के काजल ने
मुझको सताया रातभर नींद से जागा तो फिर पाया
जन्नत में रात बिताई है नज़रें अटक गई थी अब
उसके नाजुक होठों पर जैसे बाग़ की सुन्दर तितली
भँवरे से मिलने आई है उसके भँवर पड़े गालों में
दिल कुछ उलझा -उलझा है रूप सलोना देख लगा यूँ
माली ने बगिया सजाई है उस बगिया की वो रानी है
मैं भँवरा दीवाना सा मेरे दिल में बसी वो ऐसे
जैसे कोई साँस समाई है जैसे कोई साँस समाई है
