sabne pahna tha

sabne pahna tha

सबने पहना था बड़े शौक से कागज़ का लिबास
जिस कदर लोग थे बारिश में नहाने वाले
अदल के तुम न हमे आस दिलाओ
क़त्ल हो जाते हैं ज़ंज़ीर हिलाने वाले

Ghalib Shayari