Sad Poem ! Sad Poem In Hindi

sad poem

मैंने कोरोना में लोगो का रोना देखा है
लोगो के उम्मीदों का खोना देखा है

लाचार मजदूरों को रोते देखा है
गिरते पड़ते चलते और सोते देखा है

पिता को सूनी आंखों से तड़पते देखा है
तो मां की गोद में बच्चे को मरते देखा है

गरीबों का खुलेआम रोष देखा है
तो मध्यमवर्ग का मौन आक्रोश देखा है

गरीबों को अस्पतालों में लुटते देखा है
तो निर्दोषों को बेवजह पिटते देखा है

अल्लाह भगवान की दुकानों का बंद भी होना देखा है
तो रोना रोती सरकारों का अंत भी होना देखा है

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