सजदा खालिक़ को भी इबलीस से याराना भीहश्र में किस से मोहब्बत का सिला माँगे गाख़ुदी को कर बुलंद इतना के हर तक़दीर से पहलेख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है