शक से भी अक्सर कुछ टूट जाते है रिश्ते कसूर हर बार गलतियों का नहीं होताउस ग़रीब को अपने परिवार के लिए लड़ते देखा है मैंनेजीवन में पहली बार डर को भी डरते हुए देखा है मैंने