toda kuch iss ada se

toda kuch iss ada se

तोड़ा कुछ इस अदा से तालुक़ उस ने ग़ालिब
के सारी उम्र अपना क़सूर ढूँढ़ते रहे

चंद तस्वीर ऐ-बुताँ चंद हसीनों के खतूत
बाद मरने के मेरे घर से यह सामान निकला

Ghalib Shayari