Suprabhat: शुभ प्रभात - Subh Prabhat in Hindi, Suprabhat in Hindi, Suprabhat thought, Suprabhat Status, Suprabhat Shayari, Suprabhat Quotes In Hindi.
कभी न रुकना कभी ना झुकना, राह भले पथरीली हो
चाहे पानी शोला उगले, चाहे आग भी गीली हो
तुम्हें तलाश है जिस मंजिल की, उसे तुम्हें ही पाना है
चट्टानों को तोड़-तोड़ कर, रस्ता नया बनाना है
जीवन में दो व्यक्ति जीवन को नई दिशा दे जाते हैं,
एक वह जो मौका देते हैं दूसरा वह जो धोखा देते हैं
कठिनाई से क्यूं डरते हो, तुम ही आज, भविष्य भी तुम
तुम ही चाँद, सूरज भी तुम, तुम धरती और जल भी तुम
तुम ही धार हो, तुम किनार हो, तुम माझी और नाव हो तुम
लिख सकते हो भविष्य अपना, हाथों की लकीर हो तुम
आज कुछ घबराये से लगते हो
ठंड मे कपकपाये से लगते हो
निखार कर आई है सुरत आपकी
बहुत दिनों बाद नहाये से लगते हो
बे वजह घर से निकलने की ज़रूरत क्या है
मौत से आँखें मिलाने की ज़रूरत क्या है
सब को मालूम है बाहर की हवा है क़ातिल
यूँ ही क़ातिल से उलझने की ज़रूरत क्या है
ज़िन्दगी एक नेमत है उसे सम्भाल के रखो
क़ब्रगाहों को सजाने की ज़रूरत क्या है
दिल बहलाने के लिये घर में वजह हैं काफ़ी
यूँ ही गलियों में भटकने की ज़रूरत क्या है
अपनी किस्मत को कभी दोष मत दीजिये इंसान के रूप में
जन्म मिला है ये किस्मत नहीं तो और क्या है..सुप्रभात