क्यों न ग़ुरूर करून मै अपने आप पे,मुझे उसने चाहा है जिसके चाहने वाले हज़ार थे।अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ,जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।
from : Attitude Shayari