na peshi hogi na gwah hoga
ab jo bhi humse uljhega sidha tbaah hoga
न पेशी होगी न गवाह होगा
अब जो भी हमसे उलझेगा सीधा तबाह होगा
badi ajib si aadat hai meri
nafrat ho ya mohabbat badi siddat se karate hai
बड़ी अजीब सी आदत है मेरी
नफरत हो या मोहब्बत बड़ी सिद्दत से करते है
from : Rajputana Shayari