आ देख मेरी आंखों में भीगे हुए मौसम, ये किसने कह दिया की तुझे भूल गए हम।मैं तुम्हें चांद कह दू ये तो मुमकिन है, मगर लोग तुम्हे रातभर देखे ये मुझे गवारा नहीं।कोई अपना हो तो आईने जैसा हो, जो हँसे भी साथ और रोए भी साथ।